मन क्या है ? मन की अथाह सामर्थ को कैसे जगाए?

मन क्या है?
मन को लेकर आदि काल से बहुत सारे मिथक प्रचलित है।लोगो ने तो मन को ही सारे दुखो का कारण बताए है।
इसकी वजह है । लोगो ने इस पर प्रतिबंध लगा रखे है । 
इसके बारे में आगे बात करूंगा ।पहले समझते है मन क्या है ।मन को समझना बहुत जरूरी है।
मन आप का बहुत पुराना है  सरीर तो कई आप ने बदले पर आप का मन पुरातन है आदि काल से वही है।
मन कुछ और नहीं मात्र विचारो का संग्रह है। अगर विचार न हो तो मन भी नहीं होगा।मन का अस्तित्व विचारो से है।
आप अगर खोज करे तो पाएंगे कि मन तबतक है जबतक विचार है ।और विचार हमेशा हमारे पास होते ही है ।विचार कहा से आते है कभी सोचा है 
विचार भी इसी ब्रह्माण्ड में निवास करते है।
अब सोचने वाली बात है ।विचार हमेशा बदलते है इसकी वजह है सांस जब भी हम सांस लेते है सासो के साथ एक विचार भी आता है। इससे कुछ फर्क नहीं पड़ता कि विचार कैसे है अच्छे विचार है कि बुरे विचार ,
अच्छे विचार आनंद प्रदान करते है तो वहीं बुरे विचार दुख देते है ।
मै दुख सुख के गहराई में न जा कर सीधे मुददे की बात करता हूं ।
मन विचारो का संग्रह होने के कारण जैसे विचार बदलते है ।इसका असर मन पे पड़ता है क्योंकि विचार ही मन के स्रोत है।
मन को इसी वजह से माया कहा गया है।
मन हमेशा बदलता रहता है। 
आप को पता होगा विचारो मै वह ताकत होती है जिससे आप के जीवन में एक नये आयाम का उदय होता है ।विचार ही है जिससे आप आपनी जिंदगी को स्वर्ग बना सकते है ।सब विचारो का खेल है।
मन के अथाह सामर्थ
अब आप अच्छे से जान चुके है कि मन क्या है ।
जब आप मन को जान चुके है तो मन के उपयोग से आप क्या नहीं पा सकते आप क्या नहीं कर सकते।
आप को जब ज्ञात है सब विचारो का खेल मात्र है ।
और कुछ नहीं।तो आप अब विचार करे कि आप क्या नहीं हासिल कर सकते ।
आप को जो चाहिए पहले आप को विचारो में यानी आपने मन में पाना होता है ।
घटना पहले घटती है संसार तो मात्र परिणाम है।
जैसे कि आप ने कभी अंधेरे में रस्सी को देखा मन में विचार आया साप है। घटना आप के मन में घट चुकी ।आप को भय हो गया। वह रस्सी है या साप यह तो बस परिणाम है।
आप के विचार ही आप के दोस्त है और आप के दुश्मन है
आप को आपने विचारो को मैनेज करना होगा आज अगर आपने आपने विचारो को समझ लिया ।तो हो सकता है आप के विचार बदल जाए पर आप की समझ वही रहेगी ।
मन बड़े में बड़ा है छोटे में छोटा है।
अबतक कुछ नहीं है जो विचारो से बड़ा हो या विचारो से बड़ा ।
आप को ज्ञान होगा पहले के महा मानव जो आज हमारे पूजनीय है । उन्होंने बस आपने विचारो को सिद्ध किया था वह भी सालो कठोर तपस्या कर के।
आज हमे उनका अनुभव प्राप्त है।क्यों न आप आपने जीवन को उनके अनुभव से जोड़ दे ।और जीवन को स्वर्ग बना ले ।।
धन्यवाद

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