ब्रह्माण्ड की उत्पति

ब्रह्माण्ड की उत्पत्ति कैसे हुई है?
एक  सवाल हमेशा से मानव मस्तिष्क में घूम रहा है।मानव इस सवाल को ले कर काफी उत्साहित होता है।पर आज तक इसके बारे में कोई ठोस तथ्य सामने नहीं आ सके। हमारे समाज मे दो मत है। पहला मत जो है। हमारे पूर्वजों के द्वारा बना है। जैसे बेद पुराण कथा आदि है। 
हमारेे पूर्वज बहुत ही। बुद्धिमान थे। उनकी खोज को  सही साबित हमारा विज्ञान कर रहा हैं।पर जब बात ब्रह्माण्ड की उत्पति की आती है।तो मतभेद हो जाता हैं। विज्ञान और शास्त्र में अलग अलग मत  है।
ब्रह्माण्ड की उत्पति पे शास्त्र के मत 
हमारे शास्त्र अनेक है। हर शास्त्र किसी न किसी देवी देवता के केंद्र में लिखे गए है। हर शास्त्र के नायक अलग अलग है। इस वजह से इसमें आपस में मत भेद है।
जैसे - शिव पुराण के नायक  शिव जी है। शिव  पुराण में  कहा  गया  है।  की  ब्रम्हाांड  की  उत्पति शिव जी ने की है। शिव  जी की द्वारा सबकी  रचना की गई है ।ऎसे  ही विष्णणु  पुराण के नायक विष्णु जी है। हमारे यहां  बहुत धर्म  ग्रंथ  है। हर शास्त्र के  अलग  अलग नायक है। हर नायक को  महान बतााया गया है। लेकिन एक बात और बताई गई है। सब एक ही के  अंस  है। ये बात विचार करने योग्य है।
ब्रम्हांड की उत्पति पे विज्ञान के मत
हमारे विज्ञान में एक ही मत है। ब्रह्माण्ड की उत्पत्ति बिग बैंग से हुई है। पर क्या ये सही है। इतना कह देने मात्र से इतने बड़े कार्य का अपमान नहीं है। विज्ञान का तर्क भी वे बुनियाद है। 
विज्ञान कहता है। ब्रह्माण्ड की उत्पति से पहले कुछ नहीं था। तो सोचने वाली बात है। बिग बैंग कैसे हुआ।
अगर पहले कुछ नहीं था ।तो बिग बैंग एक झूठ है।
अगर पहले कुछ था तो क्या था। अबतक विज्ञान ये बताने में असमर्थ है। विज्ञान जब हरता है। तो एक कहानी गड़ता है। 
कहानियां बहुत है।
अगर कहानियों पे भरोसा करना है। तो हमरे पूर्वजों के  द्वारा बहुत कहानियां बहुत शास्त्र लिखे गए है। हम उनपे क्यों नहीं भरोसा करते।
हम बस कहानियों देखते है। कहने का मतलब कभी समझ ने की कोशिस ही नहीं की।
सोचने वाली बात हैं। एक पुराण से हमारा काम नहीं चल जाता । 18, पुराण लिखने की क्यों आवश्यकता पड़ी।हमारे पूर्वज जानते थे। वह चाहते थे। की समझने में दिक्कत ना हो। इस लिए विस्तृत लेख लिखना पड़ा।
सोचे वाली बात है। की हर लेख के अलग अलग नायक क्यों। हर नायक एक ही काम को क्यों बार बार करता बताया गया है । इन सबकी कोई न कोई वजह है। हमको समझना पड़ेगा।
एक बात और सोचने वाली है। उन्होंने लिखा है। ब्रम्हांड की उत्पति से पूर्व एक ही तत्व था ।जो पूरी तरह से मुक्त था। एक बात तो समझ में आ गई  ब्रम्हांड की उत्पत्ति के पूर्व कुछ तो था। अब सोचे वाली बात है। वह क्या था। जिसने हर एक चीज की रचना की।
ब्रम्हांड के उत्पति के पूर्व ब्रह्म था । ऎशा पुराणों में लिखा है। ब्रम्ह पूरी तरह से मुक्त था।
ब्रम्हांड के उत्पत्ति के पूर्व ब्रह्म था।वह मुक्त था ब्रम्ह से ही सब उत्पन्न हुआ है। ब्रम्ह ही सत्य है। हर प्राणी में ब्रम्ह का निवास है। उसके अनेक नाम बताए गए है।पर सत्य तो यह है। की उसका कोई नाम नहीं ना कोई रंग रूप है।
ये बात । ये बात  महत्व पूर्ण   है। 
अब प्रश्न आता है। ब्रम्ह क्या है।
पूर्वजों के द्वारा लिखी गई बातों से कुछ तो पता चलता।
ब्रह्म के बारे में लिखा गया ।की ब्रम्ह सत्य है। आनंद रूप है ज्ञान रूप है चेतन है बस इशारा किया गया है। आज हर इंसान इसकी तलाश कर रहा है। सबके पास है ।पर कोई देख नहीं पा रहा।कोई कोई विरला ही इससे मिल पाता है।कोई विरला ही इससे बात कर पाता है।कोई विरला ही इसमें डूब पाता है।
ब्रम्ह ही आदि है। ब्रम्ह ही अंत है।
ब्रम्ह  ही से सब उत्पन्न हुआ है ब्रम्ह में ही सब मिल जाएगा। ब्रम्ह ही कारण है ब्रम्ह ही कार्य है।
ब्रम्ह को जानने वाला कभी इसे किसी को समझा नहीं सकता।जब भी बताएगा।किसी ना किसी चीज का सहारा लेगा।सीधे सीधे बताना मुश्किल है।बस इशारा किया जा सकता। 
यह उसके उपर निर्भर करता है ।जो जानना चाहता है।
इस पोस्ट में लिखी गई भाषा में अगर कोई त्रुटि हो तो छमा करने का कस्ट करे।। धन्यवाद।।

टिप्पणियाँ

  1. Space ko kalbramh sadashiv arthat parmbramh,kahate hai jo shuny hai jiska astitv na hokar bi hai space me hi sabkuch paida huva aur space me hi vilin ho jayega mahavisphot arthat mahaurja ka prakat hona mat lab mahashakti devi omshakti bhagvati nampatra paheli

    जवाब देंहटाएं
  2. Space hi sthir hai jiska na rang na roop nahi akar hai nahi ye kisi space kiss bhi chij se banana nahi hai space asal menamatr asal me ye much bhi nahi hai shuny hai space brhamand khatm ho jayega lekin space khatm nahi khatm nahi hoga space am andha kuva hai jo khabi khatm nahi hota agar jag ah nahi ho ti to bramhand kaha hota

    जवाब देंहटाएं

एक टिप्पणी भेजें

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

जंगल का सफर

ख़ुश कैसे रहे।