संदेश

जनवरी 17, 2020 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

क्या जिन्दगी में दुख भोगने के लिए आए हो।

हमें जो जीवन मिला है।हम उसके साथ क्या कर रहे है।जीवन में खुशी का नामो निशान तक नहीं नजर आ रहा है।अगर कुछ आ रहा है। तो बस निराशा दर्द ।कब तक येसे जिन्दगी जिएंगे।आपने आप को जबतक आप नहीं जाने गे। तबक दुख दर्द आपका पीछा नहीं छोड़ने बाले।आप कोंन है।क्या है ।कहा से आए है। बचपन में हमारे पास इससे बहुत सवाल थे।पर समय के शाथ हमने अपने आप को तो समझा लिया। पर दुख परेशानियों से पीछा क्येशे छुड़ाएंगे। अब समय है।हमें सही दिशा में काम करने का।बाहरी दुनिया के माया जाल में आप आ चुके है।अब इससे बाहर निकाला मुश्किल हो रहा है।और दुख दर्द बड़ते ही जा रहा है।हमारे समाज में आदि काल से संत महापुरुष हुए।जो इसी तकलीफ का रास्ता निकालते आए है।हमें उससे शिख के आपने जीवन को सफल बनाना होगा।सत्य ही हमारे जीवन को सुंदर  और प्रभावी बना सकता है।बिना सत्य को जाने हम कुछ नहीं है।समाज में लालच कुट कुट के भरा है।लोग लेना जानते है।मगर मिलता किसी को भी नहीं है। कारण देने वाला कोई तो हो।आप से आमिर कोई भी नहीं है।ना हो सकता है।पर आप को आपने आप का ज्ञान ही नहीं है।दुख इसी बात का है। कोई बताने वाला नहीं है।और जो बताया गया वह सब