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सपने सच होते है।

सपने सच होते है। क्या सपने सच होते है। देखने वालो पे निर्भर करता है। सपने तो सभी देखते है।पर अपने सपनों के लिए जो सब कुछ छोड़ने के लिए तैयार होते है।उनके सपने जरूर पूरे होते है। यहां हर इंसान कोई न कोई सपना सजाए बैठा है।पर आपने सपनों पे काम करने के लिए तैयार नहीं। जरूरत है आपने सपनों पे मर मिटने के लिए। अगर तैयार है। आप तो आप के सपने पूरे होने से से कोई नहीं रोक सकता। जिंदगी सबको मौका देती हर रोज देती है।कोई सवार जाता है कोई बिखर जाता है।मौका सबको बराबर का मिलता है। फैसला आप को लेना है ।सवार जाना है।या बिखर जाना है। मुश्किलें हर मोड़ पे आती है।मुश्किलों से डरना नहीं है ।भागना नहीं ।मुश्किलों का सामना करना है। साफला आप के क़दमों में होगी। सपने अगर सच नहीं हो रहे तो रास्ते बदलो। सिद्धांत नहीं। क्योंकि पेड़ आपने पत्ते बदलते है जड़े नहीं। इंसान बहुत जल्दी हार मान लेता है।यही उसके सपनों के पूरा होने के रास्ते का बड़ा कारण है। जरा सी मुश्किल क्या आती है। इंसान घबरा जाता है।सब कुछ छोड़ के बैठ जाता है। क्या पता चंद कदम पे सपने पूरे हो सकते थे।पर वह आपनी डर की वजह से घबरा के वापिस बैठ जाता है।