सोचो मगर आपने लिए

सोचना किसे अच्छा नहीं लगता।आज हर इंसान कुछ न कुछ सोचता रहता है।पर दुर्भद्य की बात ये है।की वह आपने बारे में कम दूसरो के बारे में ज्यादा सोचता है।आज इसी के कारण समाज की दुर्दशा हो रही है।ये इंसान कब समझे गा।की अपना बिकाश पहले जरूरी है।एक कड़का दूसरे कड़के की क्या सहायता कर सकता है। सर्वप्रथम हमको अपना कल्याण करना होगा।ये बात पक्के से समझना चाहिए। हमने देखा है।लोगो को अपने जीवन के बेहतरीन पल दूसरो के बारे में सोचते देखा है।वह उस पल क्या नहीं कर सकते थे।पर उनोन आपने जीवन के बेहतरीन पल बर्बाद कर दिए।और चिंता अलग पाल ली।जीवन का स्त्यानाश तो किया साथ में शरीर का भी ख्याल नहीं आया। बहुत जल्दी बूढ़े हो गए। अंत में समशान यात्रा की । ऐसे जीवन से क्या फायदा।जब समय था। आपने बारे में सोचने का तो दूसरो के बारे में सोचा।अंत में पश्चाताप करना पड़ा।जीवन आप का खुशहाल होगा।तब आप की वजह से कितनो का जीवन खुशहाल होगा।ये बात आप समझते क्यों नहीं है।मै आप से बात कर रहा हूं।आप अपने बारे में विचार करे। आप कोन है।आप का अस्तिव क्या है।क्यों आप ने जन्म लिया है।जब आप विचार करेंगे। तब आप पाएंगे। की हमे तो कुछ नहीं मालूम आपने बारे में। शारा जीवन हम बाहर की चीजों को जानने में गवा दिए।आपने को जाना ही नहीं।


जब आप आपने को जानने में लग जाएंगे।तब आप आपने उपर से बोझ को उतार देंगे।तब आप सही मायने में आपने जिन्दगी को जीना सुरु करेगे।अभी तो आप बस जीवन को काट रहे।क्यों मै सही हूं।आप जी नहीं रहे।जीवन आप के लिए बोझ हो गया है।आप इससे दुखी हो रहे है।आप को आपनी माजिल कहीं नजर नहीं आ रही।आप जाना तो चाहते है। अपनी मजली पे।पर आप को पता ही नहीं है। आप की माजील कहा है।जब आप अपने आप को जान लेते है ।तब आप को आपनी महिल पे जाने से कोई रोक नहीं सकता।आप की यात्रा वहीं से शुरू होगी। जाहा आप आज हो पर सब कुछ बदल गया होगा ।आप के लिए।आप को महान बनने से कोई नहीं रोक सकता।प्रकृति  भी आप का साथ देने लगेगी।आने वाला समय आप का होगा।आप एक बेहतरीन इंसान बन चुके होंगे।आप का कोई सम्मान करे या अपमान सुख हों या दुख लाभ हो या हानी सबमें बराबर बेवहार करेंगे। आप को कोई फर्क नहीं पड़ेगा।मै आप को एक कहानी सुनता हूं।आप को समझने में आसानी होगी।
एक सेठ जी थे। वह भी आत्म ज्ञानी थे।समता उनमें कूट कूट के भारी थी।लोगो को अच्छी अच्छी बाते भी बताया करते थे।धन दौलत की कोई कमी नहीं थी।उनका एक ही लड़का था।वह भी सुयोग्य था।एक दिन की बात है। सेठ जी बैठे हुए थे।कुछ अच्छी बाते हो रही थी।की अचानक एक फोन आया।सेठ जी ने फोन उठाया। उदर से आवाज आई।मै पुलिस स्टेसन से बोल रहा हूं।आप के लड़के का ऐक्सिडेंट हो गया है।सेठ जी ने सुना।एक मिनट के लिए चुप हुए।और बोले जिंदा है कि मार गया।उधर से आवाज आई ।क्यों ये आप का ही बेटा है।सेठ जी ने कहा हा मेरा ही बेटा है।मै इस लिए पूछा कि जिंदा है।तो उसके इलाज की व्यवस्था करूंगा।अगर मर गया है । दाहसंस्कार की इसमें समय नहीं गवाना चाहिए।ये कह के सेठ जी ने फोन रख दिया।सब लोग अवाक रह गए।
कहने का तात्पर्य यह है ।जीवन के हर घड़ी में सम रहो।चाहे कुछ भी हो जाय ।पर आपने मन को खराब नहीं होने देना चाहिए।सबको माफ़ कर दिया करो ।इससे आप के मन का बोझ कम हो जाएगा।और आप अपना कल्याण खुद कर लेंगे।आप को ये पोस्ट क्येसा लगा कॉमेंट कर के बताए। धन्यवाद।।

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